Thursday, January 29, 2009
श्रीलंका सरकार की कार्रवाई से सबक ले भारत
भारतीय नीति निर्धारकों को श्रीलंका में लिटटे के खिलाफ के विरूद्व छेडे गये अभियान से सबक लेनी चाहिये। श्रीलंका सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान का दूरगामी असर होगा। किसी भी मूल्क में आतंकवादी गतिविधियों, उग्रवादी गतिविधियों के संचालन को जोरदार तरीके से कुचल देना चाहिये। ये कौन लोग है जो मनमाफिक परिणामों को प्राप्त करने के लिए एक बडी आबादी को निरीह जनता को आतंक व भय के साये में रहने को मजबूर कर देते है। हमारी सेना व नीति निर्धारकों के बीच बेहतर तालमेल की बात की जाती रही है, निसंदेह ऐसा है भी तभी भारतीय लोकतंत्र 60 वर्षो के बाद भी अपने पैरों पर मजबूती से खडा है। लेकिन यहां गौर करने की बात यह है कि जम्मू कश्मीर हो या आसाम,जहां वर्ष भर युद्व व तनातनी की स्थिति बनी होती है. झारखंड व छतीसगढ के जंगलों में पल रहा उग्रवाद हो जिसका शिकार न केवल सरकारी मशीनरी होती है बल्कि आम जनता भी तबाह व बरबाद होती है. उनकी ओर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है. लोकसभा चुनाव होने को है एक बार फिर भारतीयों को अपने प्रतिनिधियों के चुनाव का अवसर प्राप्त होगा। क्या हम इस दिशा में कुछ नहीं सकारात्मक कार्य कर सकते है। अच्छे लोगों की राजनीति से दूराव न हो बल्कि वे सामने आकर राजनीति के समक्ष खडी चुनौतियों का सामना करें। ऐसा प्रयास नही किया जाना चाहिये। बुद्विजीवी वर्ग क्यों नही अपने देश के युवाओं को भरोसे में लेकर उन्हें आगे बढने का मौका देता है। इतना तो निश्चित है कि युवा वर्ग अपनी परेशानियों को निकटता से महसूस कर रहा है। उसे पता है कि श्रीराम सेना के नाम पर आतंक फैलाने वाले व तालिबानी मानसिकता से ग्रसित लोगों में क्या समानताएं है. हद तो यह है कि हमारे देश में लोकतंत्र के चारों प्रहरी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व प्रेस अपने वजूद के संकट से जूझ रहे है, उन्हें यह एहसास ही नही हो रहा है कि जिसे हम आम आदमी कहते है उसके जीवन की रोजमर्रा की जरुरते कैसे पुरी हो,उसमें उनका क्या योगदान हो सकता है. हम जिसे चाहे गालियां दे ले, चाहे जितनी भी शिकायते कर ले, लेकिन हमें थोडी थोडी ही सही अपने लिए न सही उन आम आदमियों के लिए ही सही करने का प्रयास करना चाहिये जिनकी आंखों के आंसू रुकते नही, सूख जाते है, इसी आशा में कि कोई तो तारनहार आयेगा, उनकी परेशानियों को समझेगा, उन्हें अपने मूल्क व अपने परिवार के लिए कुछ करने की थोडी स्पेश, स्थान प्रदान करेगा.
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1 comment:
कौशलेन्द्र जी आपने अच्छा लिखा है। लेकिन केवल समस्या दिखाना ही पर्याप्त नहीं है; इसका हल बताना अधिक जरूरी है और अधिक कठिन भी।
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