Tuesday, June 9, 2009

बात दुःख या खुश होने की नही

बेवजह टिपण्णी किए जाने को लेकर साथियों के विचारो का स्वागत है। बात दुःख या खुश होने की नही है । सर्वप्रथम मै स्पस्ट कर दू की लिखने के बाद मै किसी से अपने विचारो की सहमती या असहमति की उम्मीद नही रखता । न ही किसी के टिपण्णी को लेकर मुझे शिकायत है । अति उत्साह में आप या हम अपनी समझ को ही प्रर्दशित कर देते है । ब्लॉग लेखन मेरे लिए रोग या नशा नही है। कोई मेरे ब्लॉग पर आए या नही इसकी भी उम्मीद नही रखता। हा, अच्छे विचारो का स्वागत है । कई लोग बेहतर लिख रहे है, उन्हें किसी के हिट्स की चिंता नही है। हमें उनसे प्रेरणा मिलती है।

1 comment:

वीनस केसरी said...

टिप्पडी का मोह न होना भी एक बीमारी है ब्लॉगजगत में :) (ऐसा कहाँ जाता है)
आपका तो नहीं पता मगर हम मजबूर हैं टिप्पडी जरूर करेंगे :)
वीनस केसरी