Saturday, February 21, 2009
मौत का लाइव टेलीकास्ट सभ्य समाज के मुह पर एक तमाचा
अभी अभी यह जानकारी मिली की जेड़ गुडी जो की एक रियलिटी शो में शिल्पा शेट्टी को लेकर कभी नस्लीय टिपण्णी कर बैठी थी, उनकी संभावित मौत को लाइव टेलीकास्ट करने की तयारी की जा रही है। जेड़ गुड्डी कैंसर से पीड़ित है । उनकी मौत को टीवी पर सीधा प्रसारित करने के अधिकार किसी चैनल ने प्राप्त कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जेड़ गुड्डी ने भी अपने दो छोटे छोटे बच्चो की परवरिश की खातिर धन की जरूरत का हवाला देते हुए एक अच्छी खासी रकम प्राप्त करने के लिए अपनी मौत का लाइव टेलेकास्ट कराने को तैयार हो गई है । मानव समाज इतना निष्ठुर हो चुका है की किसी की जान जाए तो जाए उसे तो अपनी मस्ती व मनोरंजन की ही पडी है। हद तो यह है की पथ भ्रष्ट हो चुकी मिडिया भी अपने दायरे को भूल मौत को तमाशा बनाने में लगी है। यह सामाजिक पतन की पराकाष्ठा है । एक सज्जन ने फरमाया की भारत में तो मृत्यु के बाद वर्षो तक पंडित, ठाकुर, व गाव समाज के लोग जश्न मनाते है। मरने वाले के नाम पर पुरिया तोडी जाती है । कई लोगो की आजीविका चलती है । पंडे पिंड दान के नाम पर मजे करते है । एसे में जेड़ गुड्डी का अपने बच्चो की खातिर मौत के लाइव टेलीकास्ट का अधिकार बेचना सही है। क्या इंग्लैंड की जनता इतनी निक्कमी है की वह दो बच्चो का भरण पोषण नही कर सकती। उस समाज की संवेदनाये इतनी मर चुकी है की अब उनमे धन के लिए मौत के खौफ का भी असर जाता रहा । क्या भारतीय कर्म कांड व सनातन संस्कृति में किसी की मृत्यु को इसप्रकार से हास्यास्पद बनाया गया है । यह तो वह भूमि है जहा स्वमेव समाधि ले ली जाती है। किसी महिला के देह का दर्शन करते हुए उसके जीवन भर उसे सो बिजनेस का साधन बना देना, फिर उसकी मौत का तमाशा बना देना पश्चिम की देन हो हो सकती है , हमारी अपनी भूमि में यह निंदा का karan ही हो सकती है। अब कल को कोई कह दे की bachche का जन्म लाइव होगा, कितनी ghatiya bate होगी। अपने को सभ्य कहने वाली prajati और वह समाज, wha की मिडिया इतनी nikrist हरकत karegi यह aaklpaniya है।
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4 comments:
शर्मनाक!!!!
पैसा खुदा नही ,खुदा कसम खुदा से कम भी नही . जब कौमार्य कि नीलामी होती है यह तो मौत का मामला है
जेड गुडी के मामले पर मेरी यह खबर पढ़े
http://www.bhaskar.com/2009/02/21/0902210145_dying_jade_goody_sold_her_death_live_cast_right.html
समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : चिठ्ठी लेकर आया हूँ कोई देख तो नही रहा हैबहुत अच्छा जी
आपके चिठ्ठे की चर्चा चिठ्ठीचर्चा "समयचक्र" में
महेन्द्र मिश्र
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