Friday, October 24, 2008
ठाकरे की राजनीति व नपूंसकों की जमात
इन दिनो मीडिया व देश का बच्चा बच्चा राज ठाकरे नाम के शख्स की चर्चा में मसगूल है. गोया ऐसी बात नही कि वह गांधीजी का उत्तराधिकारी हो गया है,बल्कि उसने देश को अंधकार के गर्त में ले जाने का ऐसा घिनौना प्रयास किया है जिसकी जितनी निंदा की जाये कम है. यह शख्स जब कल तक अमिताभ परिवार को अपना टारगेज बनाये हुए था,तब लोग उसके वि षय में तरह तरह के अर्थशास्त्र की व्याख्या कर रहे थे, अमितजी ने उससे माफी मांगने में ही अपनी भलाई समझी, इसके पूर्व भी जब ठाकरे के गंूडों ने बिहारी छात्रों व उत्तर भारतीयों को टारगेट में लेकर हमला बोला तो महाराष्ट्र सरकार व केंद्र सरकार इसे अगंभीरता पूर्वक ले रही थी. लेकिन अब तो सर से पानी उपर हो गया है. इस देश में राजठाकरे जैसे राजनेताओं को पनपने देने वाले वही नपूसंक नेता है जो कभी अपराधियों व गूंडों को संसद तक पहुंचाने में स्वयं को गर्वान्वित महसूस करते रहे है. पैर के घाव को ठीक करने के बाद जरूरी है कि सर के धाव को भी ठीक किया जाये.
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1 comment:
bhaiya,hum sabhi patrakar kyon usi partakarita ke ang hain? jis vyawastha me rahen uski burai ka kya tuk. himmat dikha kar nayi rah kyon na talashen, kewal lekh kyon likhen?
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