Monday, July 20, 2009

खाद्य आपूर्ति की प्रणाली ध्वस्त

राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य वितरण की जनवितरण प्रणाली ध्वस्त हो चुकी है। गरीबो और निम्न मध्यम स्तर के लोगो के जीवन के लिए यह महत्वपूर्ण योजना है। जिस देश में ७० फीसदी आबादी प्रतिदिन १६ रूपये पर गुजरा करता हो, महंगाई चरम पर हो , वहा इस प्रमुख योजना का बेमौत मरना शोक का विषय है। हल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश दी पि बढावा की अध्छ्ता में एक कमिटी का गठन कर इसकी जाच कर अपनी अनुशंसा करने को कहा है। बधवा कमेटी ने पॉँच राज्यों का दौरा क्र के अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौप दी है। शेष राज्यों का दौरा कमेटी कर रही है। आयोग का स्पस्ट मानना है की पुरी प्रणाली को दुरुस्त करने की जरूत है। बीपीएल, अन्त्योदय के नम पर गरीबो को सस्ता अनग सुलभ करना सपना हो गया है। मध्यम वर्गीय परिवारों की आधी से अधिक कमाई दो जून की रोटी के जुगाड़ में ही चुक जा रही है। अनाज के गोदाम भरे है , विदेशो से अनाज मंगाया जा रहा है, लोगो को राशन की लम्बी लाइनों में राशन किराशन नही मिल पा रही है । धोदा इधर भी देखिये।

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