Monday, January 11, 2010

नव वर्ष नूतन सन्देश

आज हम जो भी सोचते हो, कल जरुरी नहीं वैसा ही हो। जीवन की नयी प्रणाली, नई विधा विकसित करने का अवसर हो, जीवन को अपने निर्धारित लछय की ओर ले जाने का इरादा हो तो हम जरूर कामयाब हो सकते हैं। क्या हम बेहतर भारत का निर्माण नहीं कर सकते हैं। आइये, बेहतर समाज के निर्माण में हम अपना योगदान दे सके, ऐसा कुछ करे। मानसिक रूप से विकलांग हो चुके लोगो के प्रति संवेदना रखते हुए कुछ नया करे.