Monday, January 2, 2012
नववर्ष का आगमन, नई उर्जा का संचार
नई उर्जा, नई चेतना, हर चीज में नयापन, दृष्टी नई , सोच नई, नया कुछ करने का संकल्प । नए वर्ष का शुभ आगमन। भारत भूमि की उर्वरता बढे , अन्न हमारी रगों में नई जोश और उमंग का संचार करे। जल अपने सा निर्मल बनने की प्रेरणा दे, वायु जीवन को गतिशील बनाए, उर्जावान बनाए। छितिज की ओर दृष्टी हो, जो कभी न मिलकर भी अपनी सम्पूर्णता का अहसास कराए। आकाश ईश्वर की कृपा हम सबो के प्रति बनाए रखे। अग्नि तो स्वयं देव हैं, वे हमारे कष्टों का निवारण कर कुंदन सी आभा प्रदान करे। जब हम नए का सृजन करते हैं तो पहला अन्न ईश्वर को समर्पित करते हैं, भारत भूमि की मिटटी में इस संस्कृति का विस्तार हुआ हैं। हम सब उसी परम पिता की संतान हैं जिसने हमें जन्म दिया हैं , जीवन बक्शी हैं। क्षमा हमारा धर्म हैं, परोपकार करना हमारा कर्तब्य हैं । अंग्रेजी कैलेंडर किसी नई बात का सृजन नहीं करता, वह धान की कटनी के बाद आयोजित होने वाला हर्षौल्लास का वक्त नहीं हैं , फिर भी हम तनाव से इतने भरे हैं कि ख़ुशी का एक पल इसमें ढूढ़ लेते हैं। उत्सव के बिना जीवन एकाकी हो जाता हैं, यही कारण हैं कि हम किसी के विदा लेने पर दुखी हो जाते हैं तो किसी के मिलने पर खुशी का अनुभव करते हैं । जीवन में पल प्रति पल छुट रहे को हम नहीं अनुभव कर रहे, वर्ष में एक दिन संकल्प का ढूंढते, यह दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण हो जाता हैं। हम पल प्रति पल को महत्वपूर्ण बनाए तो कितना सुन्दर हो । आइये, हम अपनी सकारात्मक उर्जा को राष्ट्र सेवा में लगाये। भ्रष्टाचार का खात्मा करे , शांति स्थापित करे
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