Friday, October 21, 2011
महलो से छन कर रौशनी झोपड़ो तक पहुचे
सावधान हो जाये, दीपावली में एक बार फिर मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री चरम पर हैं। बिहार व् उत्तर प्रदेश में पुलिसे की हो रही लगातार छापेमारी से मिलावटी वस्तुओ की बरामदगी जारी हैं। अब तो हर आदमी कोई टेस्ट पेपर ले कर नहीं घूम रहा, दूसरी ओर बाजार उनकी सेहत और पैसे पर नजर गडाए हुआ हैं। अब तो हमारे पर्व त्यौहार भी मिलावट करने वालो के लिए एक अवसर में तब्दील हो चूका हैं । कौन इन पर निगरानी रखे जब मुहल्ले के छोटे छोटे दुकानों से लेकर बड़ी दुकानों तक में ये रोग फैल गया हो। आये , हम अपनी सेहत और श्रद्धा का खुद ख्याल रखे । दीपावली के दिन बच्चे, बड़े स्त्री व् पुरुष सभी मुह मीठा करते हैं, अगर मिठाई नकली हो तो जायका तो बिगड़ेगा ही साथ ही डाक्टर की शरण में जाना पड़ सकता हैं। आजकल बड़े बड़े बिजनेस फार्म अपने शुभचिंतको को विशेष कर सरकारी महकमो में कम करने वालो को मिठाई गिफ्ट करते हैं । यह एक नए किस्म का भ्रष्टाचार हैं। इससे हम अपने बच्चो को कौन सी खुशिया दे देंगे पता नहीं। अव्वल इन मिठाइयो के आर्डर व पैकिंग कई दिनों पूर्व से होने लगती हैं , इसे में इन्हें खा कर धोखा भी हो सकता हैं । हमें अपने घरो में दिए जलाने के साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए की आजाद भारत में अब भी कई ऐसे घर हैं जहा सालोभर रौशनी नहीं होती क्या इन घरो को रौशन करना हमारा दायित्व नहीं हैं । देवी लछमी क्या उधर भी देखेंगी। ५४० टन सोना भारत में बिक्री के लिए आयात किया गया हैं, सोने की मांग भारत में प्रति वर्ष बढ़ रही हैं, क्या इन गरीबो की झोपडी में भी सोना बरसेगा। लाखो भारतीय आज भी स्वच्छ पेयजल, शौचालय को तरसते हैं , खाने को दोनों वक्त भोजन नसीब नहीं होता...क्या उन तक जरुरत की चीजे उपलब्ध कराइ जा सकती हैं। आप कहेंगे कौन इतना सोचता हैं, लेकिन यह जान ले की इन समस्याओ से मुह मोड़ कर हम अपने पैरो पर कुलाढ़ी मार रहे हैं , टैक्स में बढ़ोतरी, महंगाई की चरम सीमा, महंगी होती सुबिधाये एक दिन अपने साथ साथ सब को डुबोने में कामयाब होगी, जिस पश्छिम की नक़ल में हम बेतहासा भाग रहे हैं वो उसी तरह बर्बाद करेगी जिस तरह आज उन मुल्को में दिखाई पड़ रहा हैं। आइये इस बार दीपावली में कुछ ऐसा करे कि महलो से छन कर रोशनी कि कुछ छटा झोपड़ो पर भी पड़े , ताकि उनके घर आँगन में भी देवी कि कृपा हो और हम सब भारतवासियों का जीवन खुशहाल हो। देवी लछमी की सवारी हर घर तक पहुचे। मिल्लत और खुशियों से अपना चमन गुलजार रहे । आप सोना ख़रीदे तो गरीब के पास एक थाली तो हो जिसमे वो भरपेट खा सके, उसमे कोई छेड़ न हो सके।
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